एक बार संता और बंता बगीचे में बैठे हुए होते हैं, कि तभी संता बंता से कहता है;
संता: यार आखिर जिंदगी में हम आराम कब करेंगे?
बंता: क्यों क्या हुआ?
संता: होना क्या है, जब दसवीं में थे तो पापा कहते थे बेटा बस इस साल मेहनत कर ले, फिर सारी जिंदगी आराम करना, फिर 11वीं में कहते थे, बेटा दो साल ठीक से पढ़ ले, फिर आराम से रहना, फिर इंजीनियरिंग में कहते थे, बेटा, बस डिग्री अच्छी तरह पूरी कर ले, फिर आराम रहेगा और अब डिग्री लेने के बाद कहते हैं, नालायक, यहां पड़ा-पड़ा आराम कर रहा है, काम पर कौन जाएगा!
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